अतुल कुलकर्णी जो कि आमिर खान स्टारर फिल्म लाल सिंह चड्ढा के स्क्रीन राइटर है। उन्होंने फिल्म से जुड़े हुए कई सारी बातें करते हुए एक बयान दिया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि फिल्म ने जो प्यार सिनेमाघरों में नहीं पाया वह प्यार उन्हें नेटफ्लिक्स पर मिल रहा है। लोग फिल्म भी काफी ज्यादा तारीफ कर रहे हैं। और भी कई सारी बातें जो उन्हें मैसेज करके बता रहे हैं। आगे हम उनके बयान के बारे में और भी क्लियर बात करने जा रहे हैं।

काफी लंबा समय लगा फिल्म की राइट लेने में।

फिल्म के राइट लेने में आमिर खान को काफी लंबा समय लग गया था। जैसा कि हम फिल्म के बारे में जानते हैं कि यह अमेरिकी फिल्म फॉरेस्ट गम का हिंदी में रीमेक है। इस फिल्म को आमिर खान ने हिंदी भाषा में बनाया और इसी कहानी काफी अच्छी रही ,लेकिन सिनेमाघरों में लोगों ने इस फिल्म को पसंद नहीं किया। अब बात करते हैं इस फिल्म के राइट के बारे में तो इस फिल्म के राइट को लेने में आमिर खान को काफी लंबा समय लग गया। उन्हें राइट लेने में 10 साल लग गए थे।

सिनेमाघरों में जो प्यार नहीं मिला वह प्यार लाल सिंह चड्ढा को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मिला –अतुल कुलकर्णी।

सिनेमाघरों में जो ना मिल सका वह प्यार नेटफ्लिक्स पर मिला।

लाल सिंह चड्ढा की स्क्रीन राइटर अतुल कुलकर्णी ने इस बारे में बात करते हुए बताया कि फिल्म ने सिनेमाघरों में जो प्यार मिस कर दिया वह प्यार उन्होंने नेटफ्लिक्स पाया। उन्होंने फिल्म के बारे में बात करते हुए अपनी बात रखते हुए बताया कि

‘ नेटफ्लिक्स पर जब फिल्‍म आई तो इसे नए सिरे से प्‍यार मिला, इस पर अतुल कहते हैं, ‘हमने सिनेमा हॉल में इस प्‍यार को बहुत मिस किया।

सिनेमाघरों में जो प्यार नहीं मिला वह प्यार लाल सिंह चड्ढा को मिला ओटीटी प्लेटफॉर्म पर  –अतुल कुलकर्णी

12 दिन में लिखी गई थी स्क्रिप्ट।

अतुल कुलकर्णी ने फिल्म के बारे में कई सारी बातों का खुलासा किया है। उन्होंने इस बारे में बात करते हैं बताया कि फिल्म बनाने में काफी ज्यादा मेहनत लगी थी जैसे कि हम पहले ही बात कर चुके हैं कि आमिर खान को फिल्म के राइट लेने में 10 साल का समय लग गया था। उसके बाद अतुल करने फिल्म के बारे में बात करते हुए बताया कि उन्होंने इस फिल्म के इसको लिखने में 12 दिन समय लिए थे। इस दौरान ने काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ी।

सिनेमाघरों में जो प्यार नहीं मिला वह प्यार लाल सिंह चड्ढा को मिला ओटीटी प्लेटफॉर्म पर  –अतुल कुलकर्णी

फॉरेस्ट गंप से काफी ज्यादा अलग है कहानी।

लाल सिंह चड्ढा के राइटर अतुल कुलकर्णी ने इस बारे में काफी जोर देते हुए कहा है कि लाल सिंह चड्ढा की कहानी फॉरेस्ट गंप से काफी ज्यादा अलग है। यहां तक कि उन्होंने रीमेक शब्द इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने कहा है कि यह फिल्म बस फॉरेस्ट गंप से अडॉप्टेड है। उन्होंने बताया कि भारत के समाज में ऐसी कई सारी चीजें हैं जो कि अमेरिकी समाज में नहीं है। इसलिए उन्होंने फिल्म में कुछ ऐसी चीजे डाली है। जोकि फॉरेस्ट गंप में नहीं है।

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